आपने 360 डिग्री फोटो के बारे में सुना होगा। कई लोगों ने अपने मोबाइल से इस प्रकार के फोटो-वीडियो बनाए भी होंगे। हम इस तकनीक का उपयोग अपने शौक-मौज या मनोरंजन के लिए करते हैं लेकिन कुछ युवा है जो इस तकनीक का उपयोग शहर के पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थल व विशेषताओं को वर्चुअल तरीके से सामने रख रहे हैं। खास बात यह है कि गूगल भी इस प्रकार के फोटो या वीडियो को प्रमोट करता है।
देश और विदेश के कई शहरों में इस तकनीक का उपयोग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। हमारे शहर में इस तकनीक का उपयोग पहली बार समाजहित में हो रहा है। तीन युवा राउंड टेबल संगठन के जरिये मिले और इसके बाद सभी डिजिटल (SABHI DIGITAL) नाम से इस प्रकार का स्टार्ट-अप करने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। शहर के सभी स्मारक और प्रमुख स्थल जब इस प्रकार से डिजिटल प्लेटफार्म पर आएंगे तो यह निश्चित रूप से पर्यटन बढ़ाने में मददगार होंगे। साथ ही धार्मिक मंदिरों का भी ऐसा ही कॉन्सेप्ट इंटरनेट पर लाना चाहते हैं।
पहली प्राथमिकता सरकारी स्कूलों का उत्थान
इन युवाओं का कहना है कि उनकी पहली प्राथमिकता ऐसी स्कूलों का काम 360 डिग्री के जरिए दिखाना है जो कि ये अपने संगठन के जरिये विकसित करते हैं। इसके अलावा अन्य सरकारी स्कूलों को भी इसी तकनीक से अपने प्लेटफार्म पर डिजिटल के जरिए प्रदर्शित करेंगे। जिससे कि समाज सेवा करने वाले लोग प्रेरित हो और स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित हो।
गूगल खुद करता है प्रमोट
इस तकनीक को गूगल ने ही सबसे पहले लॉच किया था। एक सामान्य फोटो को हम 5-10 सैकंड तक देखते हैं। जबकि 360 डिग्री एंगल फोटो तो औसतन 30 सैकंड से अधिक समय तक देखते हंै। यदि घंटाघर का 360 डिग्री फोटो उपलब्ध है तो गूगल में सर्च करने पर इसे टॉप 10 सर्च में प्राथमिकता दी जाती है।